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Dengue Became a Problem: डेंगू को लेकर लोगों की कैजुअल अप्रोच बनी आफत, लापरवाही बरतने वाले 69310 लोगों को नोटिस

India News Editor • LAST UPDATED : October 26, 2021, 5:09 pm IST

डॉ रविंद्र मलिक, चंडीगढ़:
Dengue Became a Problem: कोरोना के चलते प्रदेश 13 हजार से ज्यादा लोगों की असामयिक मौत हो गई। दूसरी लहर धीमी पड़ने के बाद सबको राहत मिली। लेकिन अब डेंगू का डंक समस्या (Dengue Became a Problem) बन गया है। हर रोज करीब 150 केस औसतन सामने आ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग निरंतर लोगों की जागरुक कर रहा है कि वो घर में या आस पास पानी एकत्रित नहीं होने दें। लेकिन इसके बावजूद भी लोग सावधानी नहीं बरत रहे हैं और इसके चलते पानी में निरंतर डेंगू का मच्छर पनप रहा है।

Dengue Became a Problem निरंतर बढ़ रहे डेंगू के केस

डेंगू के केस निरंतर बढ़ रहे हैं और इस साल पिछले साल की तुलना में करीब 3 गुना केस रिपोर्ट हो चुके हैं। ये भी बता दें कि पिछले पांच साल यानी कि 2016 से लेकर वर्तमान तक सबसे दूसरी स्थान पर ज्यादा केस 2021 में ही रिपोर्ट हुए हैं। हालांकि गनीमत है कि इस अवधि में हरियाणा में किसी मरीज की मौत नहीं हुई है। वहीं मलेरिया और जापानी बुखार का इस साल कोई मरीज रिपोर्ट नहीं हुआ है तो चिकनगुनिया के 5 नए मामले सामने आए हैं।

Dengue Became a Problem 69310 मकान मालिकों को दिया नोटिस

स्वास्थ्य विभाग निरंतर लोगों को लापरवाही नहीं बरतने के लिए आगाह कर रहा है। लेकिन इसके बावजूद भी लोग बाज नहीं आ रहे हैं। ऐसा करने वाले लोगों को म्युनिसिपल बाई-लॉ (कंट्रोल आॅन वेक्टर बोन डिजिज) 2020 के तहत नोटिस दिए गए हैं। इनमें से 64378 नोटिस हेल्थ विभाग द्वारा दिए गए हैं तो 5832 नोटिस अर्बन लोकल बॉडीज (यूएलबी) द्वारा दिए गए हैं। इनमें से गुरुग्राम में 5615, चरखी दादरी 172 और रोहतक में 45 नोटिस जारी किए हैं।

Dengue Became a Problem इस साल 3805 केस रिपोर्ट हुए

हरियाणा में अब तक कुल 3805 लोगों को डेंगू हुआ है। इनमें से 2381 केस सरकारी अस्पतालों में रिपोर्ट हुए हैं तो बाकी 1424 प्राइवेट स्वास्थ्य संस्थानों में । ये भी गौरतलब है कि 2021 में 9921 केस रिपोर्ट हुए थे। 2016 में 2494 और 217 में 4550 लोग डेंगू की चपेट में आए हैं। वहीं 2018 में 1936 और 2019 में मरीजों का आंकड़ा 1207 था। इसके बाद 2020 में मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ और इस साल 1377 लोग बीमारी की चपेट में आए। वहीं कुल मरीजों में से 2381 सरकारी अस्पतालों में रिपोर्ट हुए हैं और 1424 के डेंगू होने की जानकारी प्राइवेट अस्पतालों से रिपोर्ट हुई है।

Dengue Became a Problem पंचकूला, फरीदाबाद, फतेहाबाद, सिरसा, सोनीपत, गुरुग्राम, नूंह में कोरोना का कहर

प्रदेश में कई जिलों में कोरोना के केस बेहद ज्यादा हैं। इन जिलों में पंचकूला, फरीदाबाद, सिरसा, सोनीपत, गुरुग्राम और नूंह शामिल हैं। इनमें से 190 से लेकर करीब 500 तक केस रिपोर्ट हो चुके हैं। पंचकूला में सबसे ज्यादा 434 केस सामने आ चुके हैं। फतेहाबाद में 409 केस सामने आए हैं तो सिरसा में 348 लोग डेंगू की चपेट में आए हैं। सोनीपत में 348 और नूंह में 206 लोगों को कोरोना हुआ है। वहीं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में आने वाले और दिल्ली से सटे फरीदाबाद में स्थिति खराब है। गुरुग्राम में 209 और फरीदाबाद में 195 केस रिपोर्ट हो चुके हैं। आंकड़ों से साफ कि एनसीआर में आने वाले राज्यों में डेंगू बड़े पैमाने पर फैला है। अंबाला में 152, हिसार 183, जींद 155, रिवाड़ी 131 और चरखी दादरी में 129 पेशेंट रिपोर्ट हुए हैं।

Dengue Became a Problem डेंगू को हराने के लिए तीन विभाग मिलकर कर रहे काम

डेंगू को हराने के लिए तीन विभाग संयुक्त रुप से काम कर रहे हैं। शहरी निकाय और पंचायत विभाग इलाकों में फॉगिंग करवा रहे हैं और स्वास्थ्य विभाग के साथ कोर्डिनेशन बनाकर चल रहे हैं। इसके अलावा जिन इलाकों में पिछले तीन साल मलेरिया के मामले ज्यादा रहे, उन 57 संवेदनशील इलाकों में इंडोर रेसिड्यूल स्प्रे (आईआरएस) किया जा रहा है। वहीं 8023 वॉटर बॉडीज में को सेलेक्ट किया गया और इनमें से 7167 में गम्बुसिया फिश छोड़ी जा चुकी है तो डेंगू मच्छर (Dengue Became a Problem) के लारवा को नहीं पनपने देती है। बाकी वॉटर बॉडीज को कवर किया जा रहा है।

Dengue Became a Problem फिलहाल प्रदेश में डेंगू टेस्टिंग की 27 लैब

ये भी बता दें कि फिलहाल प्रदेश में डेंगू की टेस्टिंग के लिए 27 लैब स्थापित की गई हैं। हर जिले में एक लैब है। प्राइवेट लैब या अस्पताल में डेंगू की टेस्टिंग के लिए 600 रुपए फीस निर्धारित की गई है। प्राइवेट अस्पताल डेंगू की रिपोर्टिंग के लिए शामिल किए गए हैं। इसमें अन्य वेक्टर बोन डिजिज की टेस्टिंग भी एड की गई है। डेंगू से कैजुअलटी रोकने के लिए सरकारी अस्पतालों में दाखिल मरीजों के लिए फ्री सिंगल डोनर प्लेटलेट्स (एसडीपी) का प्रोविजन भी रखा गया है। इससे पहले एसडीपी के लिए 8500 रुपए सरकारी अस्पतालों में चार्ज किए जाते थे।

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