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शेयर बाजार में तेजी लेकिन रुपया हुआ 3 पैसे कमजोर

Bharat Mehndiratta • LAST UPDATED : August 12, 2022, 11:51 am IST

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली (Rupee Weakens): हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन डॉलर के मुकाबले रुपया आज फिर से फिसला है जिस कारण डॉलर मामूली महंगा हो गया है। विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया आज डॉलर के मुकाबले 3 पैसे की कमजोरी के साथ 79.67 रुपये के स्तर पर खुला। जबकि गुरुवार को रुपया 12 पैसे की कमजोरी के साथ 79.64 रुपये के स्तर पर बंद हुआ था।

गौरतलब है कि आज शेयर बाजार में तेजी दिखाई दे रही है। बाजार आज फ्लैट खुलत हुए लाल निशान में आ गया था। लेकिन दिग्गज शेयरों में खरीदारी के चलते शेयर बाजार ने फिर से बढ़त हासिल कर ली है। फिलहाल सेंसेक्स 120 अंकों की तेजी के साथ 59450 पर और निफ्टी 35 अंकों की तेजी के साथ 17695 पर कारोबार कर रहा है।
आखिरी 5 कारोबारी सेशन में क्या रहा रुपये का लेवल

बीते दिन वीरवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 12 पैसे की कमजोरी के साथ 79.64 रुपये के स्तर पर बंद हुआ। इससे पहले बुधवार को रुपया में 14 पैसे की मजबूती आई थी और यह 79.52 रुपये के स्तर पर बंद हुआ था। वहीं सोमवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 35 पैसे की कमजोरी के साथ 79.66 रुपये के स्तर पर बंद हुआ। शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 23 पैसे की मजबूती के साथ 79.23 रुपये के स्तर पर बंद हुआ।

कैसे तय होते हैं रुपय के दाम

रुपय के दाम किसी व्यक्ति विशेष के हाथ में नहीं होता है। यह लोगों की मांग पर निर्भर करत है। इस पर बाजार के उतार-चढ़ाव, देश का विदेशी मुद्रा भंडार, देश की अर्थव्यवस्था का असर होता है। यानि कि रुपए की कीमत इसकी खरीद-फरोख्त पर निर्भर करती है। रुपए की मांग जितनी ज्यादा होती है, इसके दाम डॉलर की तुलना में रुपए की कीमत उतने ही अधिक होंगे लेकिन यदि रुपए की मांग कम होगी तो डॉलर की तुलना में इसकी कीमत कम हो जाएगी।

गिरते रुपए को संभालने के लिए आरबीआई उठाता है ये कदम

डॉलर के मुकाबले जब रुपए की कीमत काफी गिरने लगती है तो रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया इसे संभालने के लिए कई ठोस कदम उठाता है। कई ऐसी नीतियों में बदलाव करता है जिससे डॉलर की मांग को कम किया जा सके। आरबीआई अपने मुद्रा कोष से कुछ डॉलर को निकालकर बेच सकता है। आयात को मुश्किल करने के लिए नियमों को सख्त किया जा सकता है, जिससे डॉलर की मांग कम होती है।

इससे विदेशी सामानों के दाम बढ़ जाते हैं। भारतीय सामानों को विदेशी ग्राहक अधिक खरीदें इसके लिए कुछ बदलाव किए जा सकते हैं जिससे डॉलर का भंडार बढ़े। ऐसे ही कई और फैसले रिजर्व बैंक डॉलर की मांग को देश में कम करने के लिए उठा सकता है।

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