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रेडक्लिफ लैब्स ने आगरा में शुरू की जेनेटिक परामर्श सेवाएं

Naresh Kumar • LAST UPDATED : October 12, 2022, 3:50 pm IST
  • जेनेटिक टेस्टिंग और कंसल्टेंशन के लिए एक बेहतर प्लेटफॉर्म होंगी साबित

इंडिया न्यूज, Agra News। Radcliffe Labs: रेडक्लिफ लैब्स ने प्रमुख और अनुभवी विशेषज्ञों के साथ आगरा, उत्तर प्रदेश में जेनेटिक काउंसिलिंग सर्विसेज प्रदान करने की घोषणा की है। रेडक्लिफ लैब्स ने जिनी-टू जीन नाम से अपनी स्पेशलाइज्ड सर्विसेज को पहली बार उत्तर प्रदेश में लॉन्च किया है, जो वास्तव में अपनी तरह की पहली पहल है, जो डॉक्टर और मरीज के लिए सभी जेनेटिक टेस्टिंग और कंसल्टेंशन के लिए एक बेहतर प्लेटफॉर्म प्रदान करती है।

जेनेटिक्स संबंधित समस्याओं का होगा समाधान

आगरा, उत्तर प्रदेश में इस पहली नई सर्विस को डॉ. नरेंद्र मल्होत्रा के साथ उजाला सिग्नस रेनबो हॉस्पिटल में लॉन्च किया है। यहां पर नियमित टेस्टिंग के साथ डीएनए आधारित डायग्नोसिस और जेनेटिक्स विशेषज्ञों तक आसान पहुंच प्रदान की गई है। साथ ही ये क्लिनिक रेडक्लिफ जेनेटिक्स का उद्देश्य जेनेटिक्स विशेषज्ञों तक आसान पहुंच और वर्ग में बेस्ट जेनेटिक टेस्टिंग के साथ देश की जेनेटिक्स से संबंधित समस्याओं का समाधान करेगा।

हमें आगरा में इस पहल से बेहद खुशी है : ईशान खन्ना

उत्तर प्रदेश में इस नई शुरूआत पर प्रतिक्रिया देते हुए ईशान खन्ना, डायरेक्टर-रीप्रोडक्टिव मेडिसन एंड जेनेटिक्स, रेडक्लिफ लैब्स ने कहा कि हमें आगरा में उजाला सिग्नस रेनबो हॉस्पिटल के साथ सहभागिता करते हुए बेहद खुशी है। कई तरह की दुर्लभ बीमारियां द्वारा किसी भी देश में लगभग 6 प्रतिशत से 8 प्रतिशत आबादी को प्रभावित करने का अनुमान है।

70 प्रतिशत वंशानुगत विकार बचपन में ही सामने आ जाते हैं

यहां तक कि देश की 1.35 बिलियन लोगों की आबादी को लेकर एक न्यूनतम अनुमान है कि लगभग 81 मिलियन लोगों को अनुवांशिक रोग हैं। इसके अलावा, 70 प्रतिशत वंशानुगत असामान्य विकार बचपन में खुद ही सामने आ जाते हैं। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश भी उत्तर भारत के अन्य हिस्सों की तरह ही विशेष रूप से आनुवंशिक विकारों में बहुत अधिक होने के लिए जाना जाता है और इसमें करीबी संबंधों में विवाह प्रमुख भूमिका निभाते हैं, जिनके चलते दुर्लभ बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है।

जेनेटिक रिपोर्ट समझा पाना बहुत मुश्किल

उत्तर प्रदेश के इस पहले क्लिनिक में हम जिनी के माध्यम से हमारे जेनेटिक काउंसलर के माध्यम से इस संबंध में सभी सेवाओं को उपलब्ध करवा रहे हैं। डॉ. नरेंद्र मल्होत्रा, उजाला सिग्नस रेनबो हॉस्पिटल, आगरा ने कहा कि मरीज और उनका परिवार हमारे पास अपनी समस्या जैसे जेनेटिक बीमारी के साथ आते है। हम उन्हें बता नहीं पाते कि कौनसी जेनेटिक टेस्टिंग करानी है।

जेनेटिक रिपोर्ट समझा पाना बहुत मुश्किल हो जाता है क्योंकि रिपोर्ट कि व्याख्या एक्सपर्ट्स नहीं कर पाते। जिनी, एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जिसमें भारत भर के डीएम जेनेटिक्सिस्ट्स और सीनियर बोर्ड-सटीर्फाइड काउंसलर्स की एक टीम शामिल है। यह प्लेटफॉर्म भारत के हर हिस्से के डॉक्टर्स और क्लिनीकिल जेनेटिक्सिस्ट्स के बीच के अंतर को दूर करने में मदद करेगा ताकि टेस्टिंग और जेनेटिक्स पर प्रशिक्षण पर मार्गदर्शन किया जा सके।

रिपोर्ट मार्गदर्शन और समर्थन के लिए, उत्तर प्रदेश के आनुवांशिक विकारों से प्रभावित मरीजों को एक प्रमाणित जेनेटिक्सिस्ट और एक जेनेटिक काउंसलर को आपके पास लाएगा। पूरे भारत में आॅनलाइन और आॅफलाइन क्लीनिक चलाने के लिए जेनेटिक्सिस्ट्स को चिकित्सकों से जोड़ा जाएगा, जो अपनी तरह की पहली पहल है।

आनुवंशिक विकारों के बारे में बढ़ रही जागरूकता

डॉ. वेरोनिका अरोड़ा, एसोसिएट कंसल्टेंट और एसोसिएट प्रोफेसर, मेडिकल जेनेटिक्स, सर गंगा राम हॉस्पिटल, जेनेटिक एडवाइजर, रेडक्लिफ लैब्स, ने कहा कि आनुवंशिक स्थितियों या जन्मजात विसंगतियों से प्रभावित बच्चों के होने के जोखिम वाले लोगों की पहचान करने से परामर्श की अनुमति मिलती है, जिसका उद्देश्य प्रजनन निर्णयों को सूचित करना है।

यह प्रक्रिया या तो पूर्वधारणा या प्रारंभिक प्रसवपूर्व अवस्था में होती है। बीटा थैलेसीमिया जैसे आॅटोसोमल रिसेसिव रोगों के लिए कैरियर स्क्रीनिंग के परिणामस्वरूप कई देशों में काफी कमी आई है। इस तरह के परीक्षण अब सभी प्रमुख शहरों में उपलब्ध हैं और इन विकारों के बारे में जागरूकता बढ़ रही है।

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