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ADB ने घटाया भारत में जीडीपी ग्रोथ अनुमान, 7.2 की बजाय अब 7 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान

Bharat Mehndiratta • LAST UPDATED : September 21, 2022, 1:22 pm IST

इंडिया न्यूज, ADB Report On Indian Economy : एशियाई विकास बैंक ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को 7.2 प्रतिशत से घटाकर 7 प्रतिशत कर दिया है। इसके लिए एशियन डेवलपमेंट बैंक यानि एडीबी ने महंगाई को जिम्मेदार बताया है। बताया गया है कि भारत में महंगाई उम्मीद से कई ज्यादा है। दरअसल, एडीबी ने अपनी फ्लैगशिप एडीओ रिपोर्ट का सप्लीमेंट जारी किया है जिसमें कहा है कि वित्तीय वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 13.5% की दर से बढ़ी है।

ADB ने कहा कि महंगाई के बढ़ते दबाव और सख्त मौद्रिक नीतियों को देखते हुए भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर का अनुमान 7.2 प्रतिशत से घटाकर 7 प्रतिशत किया गया है। हालांकि चालू वित्तवर्ष की पहली तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था 13.5 प्रतिशत की गति से आगे बढ़ी थी। अनुमान में गिरावट का मुख्य कारण खाने-पीने की वस्तुओं की कीमतों में उछाल और उपभोक्ता खपत घटना है। फिलहाल पूरी अर्थव्यवस्था ही सुस्त पड़ गई है।

विकास दर अगले साल 7.2 रहने का अनुमान

एडीबी के मुताबिक इस साल भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर 7 फीसदी रहने का अनुमान है। लेकिन अगले साल 2023-24 में यह बढ़कर 7.2 फीसदी हो सकती है।

चीन की विकास दर 3.3 प्रतिशत रहने का अनुमान

एशियाई विकास बैंक रिपोर्ट में कहा है कि चीन की अर्थव्यवस्था 2022 में पहले के 5 प्रतिशत पूवार्नुमान के बजाय 3.3 प्रतिशत की दर से ग्रोथ करेगी। मौजूदा वित्त वर्ष में चीन की विकास दर भारत की आधी रह जाएगी। बताया गया है कि जीरो कोविड की रणनीति के कारण लॉकडाउन, संपत्ति क्षेत्र में समस्याएं और कमजोर बाहरी मांग का चीन में आर्थिक गतिविधियों पर असर पड़ रहा है।

… तो इसलिए गिर रही विकास दर

बता दें कि भारत में खुदरा महंगाई थमने का नाम नहीं ले रही है। महंगाई आरबीआई की ओर से तय लिमिट से बाहर ही बनी हुई है। इस लिए आरबीआई ने रेपो रेट में बढ़ोतरी कर दी है। इससे बाजार में लिक्विडिटी कम हो गई है और उपभोक्ताओं के पास फंड की कमी हो रही। फंड की कमी के कारण खर्चे भी कम हो रहे हैं। उपभोक्ता खपत घट गई है जिसका असर उत्पादन पर पड़ रहा है। अत: ऐसे में विकास का पूरा चक्र प्रभावित हो रहा है और विकास दर में गिरावट आ रही है।

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