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जानें पेट्रोल और डीजल इंजन में क्या होता है अंतर, ये होते हैं फायदे और नुकसान

Akanksha Gupta • LAST UPDATED : December 6, 2022, 1:55 pm IST

Vehicle Engines: अब वाहनों में ईंधन के कई विकल्प आने लगे हैं। लेकिन फिर भी पेट्रोल और डीज़ल, इसके मुख्य ईंधन बने हुए हैं। वाहन का बिना ईंधन के कोई मतलब नहीं होता है। बता दें कि किसी भी वाहन में फ्यूल की खपत इंजन के आधार पर होती है। तो आइए जानते हैं पेट्रोल और डीज़ल इंजन में क्या अंतर होता है।

पेट्रोल इंजन-

आपको बता दें कि पेट्रोल इंजन Isochoric और Isentropic तकनीक पर कार्य करता है। इसमें पेट्रोल और हवा का मिश्रण Carburetor में होता है। यहां से हवा और पेट्रोल का ये मिश्रण सिलेंडर में जाता है। इस इंजन में पहले हवा और पेट्रोल Compressed, फिर फ्यूल Electric Spark के द्वारा प्रज्वलित होता है। हवा का औसत पेट्रोल और हवा के मिश्रण में अधिक होता है। पेट्रोल इंजन की इस प्रकार पावर सप्लाई होती है।

डीज़ल इंजन-

डीज़ल के इंजन में इंजेक्टर का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें इंजेक्टर के द्वारा पहले डीज़ल, इसके बाद हवा को कंप्रेस्ड कर उसकी ऊर्जा से इंजन को पावर मिलती है। इस इंजन में पेट्रोल इंजन के प्रकार इलेक्ट्रिक स्पार्क नहीं होता है।

दोनों इंजन में अंतर 

  • डीज़ल इंजन से ईंधन की ख़पत कम होती है और पेट्रोल इंजन ईंधन ज्यादा खपत करता है।
  • पेट्रोल इंजन में Spark Plug का प्रयोग होता है और डीज़ल इंजन में Fuel Injector का।
  • डीज़ल इंजन के रखरखाव में काफी ज़्यादा खर्चा होता है। तो वहीं, पेट्रोल इंजन में कम खर्च होता है।
  • पेट्रोल इंजन वाले वाहनों में विस्फ़ोट होने के आसार डीज़ल इंजन से ज्यादा होते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि पेट्रोल इंजन में पेट्रोल और हवा दोनों कंप्रेस्ड होती हैं। वहीं, डीज़ल इंजन में मात्र हवा ही कंप्रेस्ड होती है।
  • ज्यादातर हल्के वाहनों जैसे कार, बाइक और स्कूटर में पेट्रोल इंजन लगा होता है। वहीं, बड़े वाहन जैसे ट्रक, ट्रैक्टर और बस में डीज़ल इंजन का इस्तेमाल किया जाता है।

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